इंजीनियरिंग छात्रों में पॉपुलर हो रही हैं विदेशी भाषाएं, जानिए इसके क्या हैं फायदें
आजकल विदेशी भाषाओं का ट्रेंड बढ़ता जा रहा है। देशभर में विदेशी भाषाओं को लेकर छात्रों में सीखने की इच्छा बढ़ रही है। वैश्विक बाजार में सफल कॅरियर बनाने की इच्छा रखने वालों के लिए विदेशी भाषा सीखना भी जरूरी हो गया है।
अब बहुराष्ट्रीय कंपनियों में अंग्रेजी भाषा के अलावा इनके कुछ काम ऐसे होते हैं जिन्हें स्थानीय भाषा में करने की आवश्यकता होती है। इसलिए लैंग्वेज प्रोफेशनल्स की जरूरत होती है। इस तरह नौकरी के अवसर मिलते हैं।
भारत में विदेशी भाषाओं को सीखने की उमंग स्टूडेंट्स में बढ़ने लगी है। एक वैश्विक बाजार को बढ़त देने के लिए विदेशी भाषाएं सिखाई जा रही हैं।
ऐसे ही कुछ इंजीनियरिंग कॉलेजों ने ग्रेजुएट स्टूडेंट्स को विदेशी भाषा सीखाने के लिए कोर्सेज शुरू किए हैं। हालांकि विदेशी भाषा में केवल 10-15 प्रतिशत स्टूडेंट्स ने रुचि दिखाई है। फिलहाल कुछ कॉलेजों में ऐसे कोर्सेज में पंजीकरण 1% के बराबर है। इस कदम से इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स को फायदा मिलेगा।
इन इंजीनियरिंग कॉलेजों के प्लेसमेंट ऑफिसरों का कहना यह है कि आने वाले सालों में में वैश्विक व्यापार और उद्योग अंग्रेजी भाषा के आधार पर जारी नहीं रह सकते। सकता। एक नई भाषा सीखना किसी भी युवा इंजीनियर या टेक्नोलॉजिस्ट के लिए दुनिया के किसी भी स्तर पर काम करने की ओर बेहतर कदम है।
इसमें खास बात यह है कि इन कॉलेजों ने जर्मनी की यूनिवर्सिटीज के साथ एमओयू (Memorandum of Understanding) (MOU) समझौता कर लिया है।
इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी प्रौद्योगिकी के राजगिरि स्कूल के प्लेसमेंट अधिकारी बीजी पालइस का कॅरियर विकल्प के निर्णय पर उनका कहना है कि हमारे छात्रों के पास जापानी और जर्मन भाषा सीखने का विकल्प होगा और हमारे पास इन देशों के विश्वविद्यालयों के साथ एक समझौता मेमोरेंडम है। ज्ञापन है।
अभी 15 छात्र जापानी और 20 छात्र जर्मन विदेशी भाषा सीख रहे हैं। आपको बता दें कि खास बात यह है कि जापानी भाषा मैकेनिकल इंजीनियरिंग छात्रों में ज्यादा पॉपुलर है। हालांकि जापानी भाषा का केवल ज्ञान काफी नहीं बल्कि है। किसी विदेश शहर में नौकरी पाने के लिए उच्च ज्ञान का होना जरूरी होता है।
वैसे भी जापानी कंपनियां बी.टेक के स्टूडेंट्स को नौकरी के अवसर देती है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी की कोच्चि यूनिवर्सिटी के इंजीनियरिंग (Cochin University of Science and Technology) स्टूडेंट्स प्लेसमेंट इंचार्ज जेम्स वर्गीज ने बताया कि जापानी कंपनियां हमारे कैंपस में से बी.टेक के उन छात्रों को सेलेक्ट करती है, चुनती हैं जिन्हें इस भाषा का ज्ञान होता है।
विदेशी भाषा सिखने के फायदे-
- विदेशी भाषा के कोर्स कॅरियर के लिए अच्छे विकल्प है।
- स्पैनिश, फ्रेंच और जर्मन जैसी विदेशी भाषा में अधिक अवसर मिलते हैं।
- हिंदी, अंग्रेजी भाषा के अलावा विदेशी भाषा कॅरियर के लिए बहुत काम आती है।
- विदेशी जानकारों की सबसे ज्यादा मांग होटल उद्योग, टूरिज्म या बहुराष्ट्रीय कंपनियों में होती है।
- स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ाई के लिए विदेशी भाषाओं के शिक्षकों की मांग रहती है।
- बीपीओ/ कॉल सेंटर में भी विदेशी भाषा की डिमांड रहती है।
- आमतौर पर इंटरप्रेटर, पर्सनल सहायक, टूर ऑपरेटर के रूप में नियुक्त किए जाते हैं।
- इसके अलावा विदेशों में जॉब पाने का मौका मिलता है।
- इस प्रोफेशन में अच्छी सैलरी मिलती है।
- सरकारी स्तर पर भी अवसर प्रदान किए जाते हैं।
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