यूपीएससी (UPSC) 2017: आईएएस (IAS) परीक्षा का महत्वपूर्णपात्रता मापदंड
यूपीएससी (Union Public Service Commission) के द्वारा सिविल सेवा परीक्षा (CSE) हर साल बड़े स्तर पद के लिए आयोजित की जाती है। हैं। यह परीक्षा आईएएस (IAS), आईएफएस (IFS) और आईपीएस (IPS) पदों के लिए आयोजित की जाती है। आईएएस (IAS)/ सीएसई (CSE) परीक्षा प्रारंभिक (Prelims) परीक्षा, मुख्य (Main) परीक्षा और साक्षात्कार (Interview) तीन चरणों में होती है। यूपीएससी (UPSC) कई पदों के लिए सरकारी नौकरी निकालता है।
आईएएस (IAS) यह देश की कठिन व प्रतिष्ठित परीक्षा है। लाखों युवा छात्र आईएएस अफसर बनने का सपना देखते हैं। आइए जानते हैं आईएएस परीक्षा (IAS) के पात्रता मापदंड के बारे में...
आईएएस (IAS) परीक्षा योग्यताः
- आवेदक भारत का नागरिक होना चाहिए।
- नेपाल और भूटान के उम्मीदवार और जो बाहर से आकर भारत में स्थायी रूप से रहने लग गए हैं वो भी परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं।
- आवेदक के पास स्नातक डिग्री किसी मान्यता प्राप्त महाविद्यालय की होनी चाहिए।
- सामान्य वर्ग (General Category) के आवेदक 6 बार और ओबीसी (OBC) 7 बार से ज्यादा परीक्षा में भाग नहीं ले सकते हैं।
- लेकिन एससी/एसटी (SC/ST) वर्ग के उम्मीदवार 37 साल की आयु तक प्रयास कर सकते हैं।
- सामान्य वर्ग के लिए 21 से 35 तक की आयु रखी गई है।
परीक्षा के लिए आयु सीमाः
आवदेक श्रेणी (Candidates Category) |
आयु सीमा (Age Limit) |
सामान्य General |
32 |
एससी/एसटीSC/ST |
35 |
ओबीसी OBC |
37 |
पीएचPH (Blind, Deaf, Orthopedically handicapped) |
42 |
जम्मू-कश्मीरसामान्यवर्ग J & K Candidates General |
37 |
जम्मू-कश्मीर ओ बीस वर्ग J & K Candidates OBC |
40 |
जम्मू-कश्मीरएससी/एसटी J & K Candidates SC/ST |
40 |
जम्मू-कश्मीर पीएच J & K Candidates PH |
50 |
विकलांग कर्मचारी सामान्य Disabled Servicemen General |
37 |
विकलांग कर्मचारी ओबीसी Disabled Servicemen OBC |
40 |
विकलांग कर्मचारी एससी/एसटी Disabled Servicemen SC/ST |
40 |
Scroll left or right to view full table
यूपीएससी आईएएस परीक्षा (UPSC Indian Administrative Services) में 3 चरण होते हैं।
- पहला चरण- प्रारंभिक
- दूसरा चरण- मुख्य
- तीसरा चरण- साक्षात्कार
परीक्षा को पास करने के लिए सबसे अहम होता है आत्मविश्वास और रणनीति की जरूरत होती है। सीएसई परीक्षा की तैयारी के लिए करीब दो से तीन वर्ष का समय पर्याप्त माना जाता है। उम्मीदवार के लिए इसके प्रारूप और पाठ्यक्रम को समझने की आवश्यकता होता है।
0 Comments